Sunday, August 30, 2015

संस्कृत हमारे जीवन में समाहित है

संस्कृत कम्प्यूटर की भाषा है और हम सबके जीवन में समाहित है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि कम्प्यूटर प्रोसेसिंग के बाईनरी सिस्टम के लिये संस्कृत सर्वाधिक उपयोगी भाषा है । संस्कृतज्ञों को संस्कृत-भाषा के प्रचार प्रसार एवं लोकप्रिय बनाने के लिये स्वयं प्रयास करने होंगे। ये विचार दिल्ली संस्कृत अकादमी की ओर से दिल्ली सचिवालय में 'संस्कृत दिवस समारोह' के मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने व्यक्त किये। सिसौदिया ने कहा कि संस्कृत की आवश्यकता हमें जन्म से लेकर मरण तक है। शायद ही कोई घर ऐसा हो जहां संस्कृत के मंत्रों का उच्चारण न होता हो।

समारोह में कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि संस्कृत संसार की प्राचीनतम भाषा है। भारत की समस्त प्रान्तीय भाषाओं में संस्कृत शब्दों का ही बाहुल्य है। जब कभी भी व्यक्ति कमजोर होता है तो संस्कृत के मंत्रों से ताकत आती है। हमें इजराइल से सीख लेनी चाहिये उन्होंने अपनी बिलकुल समाप्त हो चुकी भाषा को पुनः जीवित किया। मैं व्यक्तिगत रूप से इजराइल के विशेषज्ञों के सम्पर्क में हूं और उनसे यह जानने का प्रयास कर रहा कि उन्होंने कैसे अपनी भाषा को पुनजीर्वित किया।

इस अवसर पर अकादमी के सचिव जीतराम भट्ट ने कहा कि प्राचीन परम्परा में रक्षाबन्धन के दिन को 'उपाकर्म' दिन कहा जाता रहा है, इसीलिए इसको संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। समारोह में संस्कृत के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान देने वाले लगभग 250 संस्कृत एवं संगीत के शिक्षकों को सम्मानित भी किया गया।

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